दिल को हारने से रोको जरा | Poem Dil ko Harne se Roko Zara

दिल को हारने से रोको जरा ( Dil ko harne se roko jara ) मेहनत का फल होता खरा अतीत हो कितना अंधेरा भरा आशा ने देखो उजाला करा मजदूर मेहनतकश देखो जरा लगन किसान की खेत है हरा सोकर उठो जागो देखो जरा जीवन में रुकना नहीं है भला कदमों को आगे बढ़ते चला … Continue reading दिल को हारने से रोको जरा | Poem Dil ko Harne se Roko Zara