दुनिया आबाद रहे | Poem Duniya Aabad Rahe

दुनिया आबाद रहे  ( Duniya aabad rahe )    इंसानों में चरमपंथी यहाँ भी हैं वहाँ भी, फ़रिश्ते यहाँ भी हैं और वहाँ भी। जीडीपी बढ़ रही इस मुल्क की बड़ी तेजी से, हुकूमत करनेवाले यहाँ भी हैं वहाँ भी। दुनिया आबाद रहे ऐसी है हमारी सोच, ज्ञान बाँटनेवाले यहाँ भी हैं और वहाँ भी। … Continue reading दुनिया आबाद रहे | Poem Duniya Aabad Rahe