एक नगमा प्यार का | Poem Ek Nagma Pyar ka
एक नगमा प्यार का ( Ek nagma pyar ka ) आ गए तो रस्म़ महफ़िल की निभाते जाइए एक नग़मा प्यार का सबको सुनाते जाइए। कौन है क्या कह रहा अब फ़िक्र इसकी छोड़िए मुस्कुराकर दिल रक़ीबों का जलाते जाइए। दो जहां को छोड़ दें हम आपकी ख़ातिर सनम है फ़क़त ये शर्त की … Continue reading एक नगमा प्यार का | Poem Ek Nagma Pyar ka
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