हमारी विरासत हमारी धरोहर | Poem hamari virasat

हमारी विरासत हमारी धरोहर ( Hamari virasat hamari dharohar )     शौर्य पराक्रम ओज भरा दमकता हो भाल जहां। हम उस देश के वासी हैं बहती प्रेम रसधार यहां।   पुरखों की पावन संस्कृति रग रग में संस्कार भरा। दूरदर्शी सोच ऊंची विनयशीलता गुणों भरी धरा।   दुर्ग किले हमारी विरासत हमारी धरोहर प्यारी … Continue reading हमारी विरासत हमारी धरोहर | Poem hamari virasat