कहां गए भरत समान भाई | Poem in Hindi on Bharat

कहां गए भरत समान भाई ( Kahan gaye Bharat saman bhai )   आज कहां गए ऐसे भरत समान भाई, यह भाई की भाई जो होते थें परछाईं। आदर्शों की‌ मिशाल थें वो ऐसे रघुराई महिमा जिनकी तुलसी दास ने सुनाई।। ठुकरा दिया था उन्होंने राज सिंहासन, ऐसे वो राम लखन भरत शत्रुघ्न भाई। यह … Continue reading कहां गए भरत समान भाई | Poem in Hindi on Bharat