धन्य हैं किसान | Poem in Hindi on farmer

धन्य हैं ” किसान “ ( Dhanya hai kisan)    धरती के पालक मित्र किसान तुम से सुसज्जित खेत खलियान गांव में ही बसते हैं जग के प्राण, तुमको हम करे हृदय से प्रणाम ।। गांव की धरती होती उपजाऊ, हीरा, मोती उगले मिटी भी हमारी जब पसीना बहाएं हमारे किसान तब मिलती सबको अन्न … Continue reading धन्य हैं किसान | Poem in Hindi on farmer