आ चले लौटकर फिर उसी गांव में | Poem in Hindi on Gaon
आ चले लौटकर फिर उसी गांव में ( Aa chale lautkar phir usi gaon mein ) आ चले लौटकर फिर उसी गांव में। हरेभरे खेत पीपल की ठंडी छांव में। बुजुर्गों की चौपालें लगती हो जहां। झुमते गाते मस्ताने नाचे देखो वहां। लोग कर ले गुजारा एक ही ठांव में। आ चले लौटकर फिर … Continue reading आ चले लौटकर फिर उसी गांव में | Poem in Hindi on Gaon
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