फागुन पर कविता | Poem in Hindi on Phagun
फागुन पर कविता ( Phagun Par Kavita ) देखो फागुन आया है छटा में रंग छाया है खिली पलाश पर योवन आया है। गीत बसंत का हर दिल ने गाया है। सेमल, टेसू ने वन उपवन सजाया है बोर लगे आम ने तोरण द्वार बनाया है। लहलहाती फसलो ने फागुन को बुलाया है। बेर … Continue reading फागुन पर कविता | Poem in Hindi on Phagun
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