मैं भी चाहूंगा | Poem Main bhi Chaahunga

मैं भी चाहूंगा ( Main bhi chaahunga )   कि इन सब बातों की नहीं है उम्र अब मेरी, मुझे कुछ लोग कहते हैं, मगर हसीं चेहरों पे मिटने को तैयार होना, मैं भी चाहूंगा… लानत है किसी दौलतमंद, रसूखदार का दरबान होने पेे, किसी मज़लूम, किसी बेबस का पहरेदार होना, मैं भी चाहूंगा.. कभी … Continue reading मैं भी चाहूंगा | Poem Main bhi Chaahunga