मैं उसको ढूँढ रहा हूँ | Poem main usko dhund raha hoon

मैं उसको ढूँढ रहा हूँ ( Main usko dhund raha hoon )    हम सबकी है वो जान, मेरे प्राणों का वो प्राण , मैं उसको ढूँढ रहा हूँ।   वो देखो है दिन – रात, उसकी कोई नहीं है जाति। उसकी मुट्ठी में संसार, जरा वो रहता है उस पार, परिन्दे करते हैं गुणगान, … Continue reading मैं उसको ढूँढ रहा हूँ | Poem main usko dhund raha hoon