मेहंदी की महक | Poem mehndi ki mahak
मेहंदी की महक ( Mehndi ki mahak ) नारी का श्रृंगार मेहंदी चार चांद चमका देती हिना में गुण आकर्षण पिया मन लुभा लेती रचकर रंग दिखाती है सौंदर्य में निखार लाती है दुल्हन के हाथों का सौंदर्य मनभावन सजाती है मेहंदी की मोहक महक मदमस्त हो मधुमास प्यार के मोती बरसते … Continue reading मेहंदी की महक | Poem mehndi ki mahak
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