मिलने की आस | Poem milne ki aas

मिलने की आस ( Milne ki aas )   मिलना हो तुझसे ऐसी तारीख मुकर्रर हो जाए मैं जब भी आऊं तेरा बनकर तू भी मेरी हो जाए न रहे दूरियां एक दूजे में कुछ ऐसा वो पल हो लग जाउँ गले से तेरे मैं तू मेरे सीने से लग जाए ये ख्वाब भी कितने … Continue reading मिलने की आस | Poem milne ki aas