.फितरत | Poem on Fitrat in Hindi
.फितरत ( Fitrat ) जरूरत के बिना कमी का एहसास नही होता लगाव न हो तो ,करीब भी कभी पास नही होता मांगने से मिल गई होती,यदि चाहत किसी की तो किसी की याद मे,मुहब्बत खास नही होती यूं तो भरते हैं दम सभी,अपनेपन का इस दौर मे यदि चाहत दिल की होती,तो कोई … Continue reading .फितरत | Poem on Fitrat in Hindi
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