![Poem on Fitrat in Hindi Poem on Fitrat in Hindi](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2023/09/Poem-on-Fitrat-in-Hindi-696x465.jpg)
.फितरत
( Fitrat )
जरूरत के बिना कमी का एहसास नही होता
लगाव न हो तो ,करीब भी कभी पास नही होता
मांगने से मिल गई होती,यदि चाहत किसी की
तो किसी की याद मे,मुहब्बत खास नही होती
यूं तो भरते हैं दम सभी,अपनेपन का इस दौर मे
यदि चाहत दिल की होती,तो कोई उदास नही होता
बसी हों जिनके दिल मे,जमाने भर की खुशियां
हो जाएं वो किसी की गिरफ्त मे,विश्वास नहीं होता
फितरत हो जिनकी,है मिठास को चख लेने की
वो कर लें बसर चीनी मे,ऐसा मुझे आभास नहीं होता
ऐ दिल,लगा रखी है, तू भी उम्मीद किस अजनबी से
शहर बदलने वालों के पास,कभी दिल नही होता
( मुंबई )