लाचार नारी | Poem on nari in Hindi

लाचार नारी ( lachar nari )    एक नारी थी वक्त की मारी थी दुनिया में कोई बेचारी थी। मानवता का स्वांग करने वालों पे फिर भी चोट भारी थी।   लाचार नारी तड़पती रही दर्द से लोग वीडियो बनाते रहे। दरिंदो की दरिंदगी वो वहशीपन का नाना खेल रचाते रहे।   दुनिया की भीड़ … Continue reading लाचार नारी | Poem on nari in Hindi