सियासत से बड़ा कोई जालिम नहीं है | Poem on siyasat

सियासत से बड़ा कोई जालिम नहीं है ( Siyasat se bada koi zalim nahi hai )     दूसरों के दर्द को   जो  अपना  समझते हैं, नमक के बदले  वो  मरहम ले के चलते हैं   जिंदगी की हर जंग  वही  लोग जीतते  है, जीते  जी  जो कभी   हार  नहीं मानते हैं।   उन्हीं के  … Continue reading सियासत से बड़ा कोई जालिम नहीं है | Poem on siyasat