पश्चाताप | Poem paschatap

पश्चाताप ( Paschatap )   पश्चाताप सम्राट अशोक किया, कलिंग युद्ध बाद। भीषण नरसंहार हुआ, उन्नति मूल्य हो गये बर्बाद।   राम को बनवास भेज, दशरथ ने किया परिताप। राम राम रटते मर गए, हुआ पुत्र वियोग संताप।   पछतावा फिर होता जब, चिड़िया चुग जाये खेत। सोना उगले धरती मांँ, मोती निपजे ठंडी बालू … Continue reading पश्चाताप | Poem paschatap