प्यार की कश्ती | Poem Pyar ki Kashti
प्यार की कश्ती ( Pyar Ki Kashti ) शाम सलोनी भी लौटा दो। सागर की लहरें लौटा दो। कश्ती में जो गुजरी रातें, वो मीठी करवट लौटा दो। कोरे कागज पे जो लिखा , सारी मेरी ख़त लौटा दो। भींगे थे हम जिस सावन में, वो मेरा सावन लौटा दो। शोहरत,दौलत तुम रख लो, … Continue reading प्यार की कश्ती | Poem Pyar ki Kashti
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