सर्द हवाएं सभी को समझाए | Poem sard hawaye
सर्द हवाएं सभी को समझाए ( Sard hawaye sabhi ko samjhaye ) यह सर्द हवाऍं आज सभी को समझाऍं, ओढ़ ले यारा चादर तूं कही गिर ना जाऍं। यह प्रकृति देती रहती है सबको ये संदेश, रोना ना आए फूल को यें सदैव मुस्कराऍं।। सनन सनन करती चलती रहती है हवाऍं, कभी … Continue reading सर्द हवाएं सभी को समझाए | Poem sard hawaye
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