ज़िन्दगी खत्म हुई | Poem Zindagi Khatam hui
ज़िन्दगी खत्म हुई ( Zindagi khatam hui ) जिंदगी खत्म हुई उन्हें पुकारते हुए उनको जीतते हुए हमको हारते हुए क़ौल वो क़रार जो उन्हें तो याद भी नहीं बस उसी क़रार पर उमर गुज़ारते हुए । चार दिन के प्यार का चढ़ा हुआ जो कर्ज़ था हाथ कुछ बचा नहीं उसे उतारते हुए। … Continue reading ज़िन्दगी खत्म हुई | Poem Zindagi Khatam hui
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