विद्या शंकर विद्यार्थी की कविताएं

गीत चैती छठ के केकर कटोरवा अब खाली बाटे होभरल अंखिया में लोरमारेला रूखनिया करेजवा में होदरद उठेला पुरजोर, केकर,,,,,। निर्धन कटोरवा अब खालि बाटेभरल अंखिया में लोरमारेला रूखनिया महंगिया नू होदरद उठेला पुरजोर, केकर,,,,। आदितमल गोसंईया मनाई कइसे होछठिया करे जाई घाटछठी माई से दुखवा बताई कइसे होगड़ल गोड़वा में कांट, केकर ,,,,,। भला … Continue reading विद्या शंकर विद्यार्थी की कविताएं