विद्या शंकर विद्यार्थी की कविताएं
मेरा सपना हम सफर का मेरा सपना हम सफर कासच न हो सका,जो लिखा नसीब में मेरे थासच न हो सका, ,,,,। जो खिला गुलाब बनकरघिरा कांटों के बीच, घिरा कांटों के बीचउमड़ गया सैलाब सा आंसूबहा आंखों के बीच, बहा आंखों के बीचजो बिखरा करीब मेरे था,सच न हो सका, मेरा सपना,,,। रेत की … Continue reading विद्या शंकर विद्यार्थी की कविताएं
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