प्रभु श्रीराम पर दोहे | Prabhu Shri Ram Par Dohe

प्रभु श्रीराम पर दोहे ( Prabhu Shri Ram Par Dohe )   कल्प-कल्प अवतार ले,किए विविध प्रभु कर्म। नित प्रति लीला गान से,रघुवर निभता धर्म।।1 रघुवर लीला गान सुन,कवि रचता नव काव्य। श्रेय मिला जग में उसे,हुआ सहज संभाव्य।।2 युगों-युगों होता रहा,पाप पुण्य का खेल। लेखा जोखा की नियति, राम कराएँ मेल।।3 छोड़ द्वंद्व मन … Continue reading प्रभु श्रीराम पर दोहे | Prabhu Shri Ram Par Dohe