प्रभु तुम आए | Prabhu tum Aaye

प्रभु तुम आए ( Prabhu tum aaye )    प्रभु तुम आए , दीन हीन बनकर , हमारे द्वार, मैंने तुझे दुत्कारा , जलील किया, तुम कुछ ना बोले , मेरी सारी नादानियों को, सहते रहे, फिर लौट गये। मैं मंदिरों में , तुझे ढूंढता रहा, परंतु मंदिर के बाहर, कोढी का रूप रखकर , … Continue reading प्रभु तुम आए | Prabhu tum Aaye