Hindi Poetry On Life | Hindi Poem | Love Kavita -प्रेम अगन
प्रेम अगन ( Prem Agan ) बचना होगा प्रेम अगन से, इसमे ज्वाला ज्यादा है। सुप्त सा ये दिखता तो है पर,तपन बहुत ही ज्यादा है। जो भी उलझा इस माया में, वो ना कभी बच पाया है, या तो जल कर खाक हुआ या, दर्द फफोला पाया है। कोई कुछ भी … Continue reading Hindi Poetry On Life | Hindi Poem | Love Kavita -प्रेम अगन
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