मेरी दिली अभिलाषा | Prem Kavita Hindi
मेरी दिली-अभिलाषा ( Meri dili abhilasha ) कुछ रूठा-रूठा लगता है ओ मन करता है उसे मनाऊं मीठी-मीठी बात करूॅं और उसके मन को बहलाऊं मानकर सारी हठ उसकी मैं जो चाहे वो उसे मगाऊं अर्पण कर मैं खुदको उसमें प्रेम-प्रीत इस भांति निभाऊं सूरज चंदा तारे-वारे आसमान से तोड़ लाऊं इटली,डोसा पिज़्ज़ा-उज्जा जो … Continue reading मेरी दिली अभिलाषा | Prem Kavita Hindi
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