प्राइवेट नौकरी | Private Naukari

प्राइवेट नौकरी ( Private naukari )    यूं लगता है बंद पिंजरा उस पंछी को तड़पाता है। यूं लगता है उमड़ा सावन फिर से लौट जाता है। यूं लगता है लटक रही हो ज्यों चांदी की तलवार‌। संभल संभल कर चलते जाने कब हो जाए वार। यूं लगता है स्वाभिमान का कत्ल नहीं हो जाए। … Continue reading प्राइवेट नौकरी | Private Naukari