आध्यात्मिक साम्यवाद के जनक : पं. श्रीराम शर्मा आचार्य

मध्यकालीन इतिहास को देखने से यही प्रतीत होता है कि उस समय पूजी मात्र कुछ व्यक्तियों के कब्जे में थी । जिससे सामान्य जनता का शोषण होता रहा । जनता मिल मालिकों एवं सेठ साहूकारों की कृपा पर जीवित रहते थे। उनका उत्पादन में कोई हिस्सा नहीं होता था । कोल्हू के बैल की तरह … Continue reading आध्यात्मिक साम्यवाद के जनक : पं. श्रीराम शर्मा आचार्य