प्यार की लक्ष्मण रेखा | Poem pyar ki lakshman rekha

प्यार की लक्ष्मण रेखा ( Pyar ki lakshman rekha)    तपती ज्वालाओं के दिन हों या ऋतु राज महीना। मेरे प्यार की लक्ष्मण रेखा पार कभी मत करना। नभ समक्ष हो या भूतल हो, तुम मेरा विश्वास अटल हो, रहे पल्लवित प्रेमवृक्ष यह चाहे पड़े विष पीना।।मेरे.. जब जब फूल लगेंगें खिलने, अंगारे आयेंगे मिलने, … Continue reading प्यार की लक्ष्मण रेखा | Poem pyar ki lakshman rekha