रात मेरी सियाह होती है | Raat Meri
रात मेरी सियाह होती है ( Raat meri siyah hoti hai ) जब इधर वो निग़ाह होती है प्यार की उसके चाह होती है दी सनम ने नहीं यहाँ दस्तक रात मेरी सियाह होती है प्यार की इम्तिहां हुई इतनी हर घड़ी उसकी राह होती है एक भी फोन वो नहीं करता रोज़ जिसकी … Continue reading रात मेरी सियाह होती है | Raat Meri
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