रब्ब सा तू ( Rabb sa tu ) तू भ़ी है पोशीदा और वोह भी नज़र ना आये हर सांस में है तेरा नाम रग रग में वो भी समाये इक तेरा ख्याल ही दे जाये तहरीक(जुंबिश) एहसास उसस्का भी बढ़ा दे दिल की धड़कन खुदा हो जहाँ काबा होता वहां तू भी है … Continue reading रब्ब सा तू | Poem Rabb Sa tu
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