rabb sa tu kavita
rabb sa tu kavita

रब्ब सा तू

( Rabb sa tu )

 

तू भ़ी है पोशीदा और

वोह भी नज़र ना आये

हर सांस में है तेरा नाम

रग रग में वो भी समाये

इक तेरा ख्याल ही दे जाये तहरीक(जुंबिश)

एहसास उसस्‍का भी बढ़ा दे दिल की धड़कन

खुदा हो जहाँ काबा होता वहां

तू भी है जहाँ काबा बन जाये वहां

रॅब्ब जैसा तू, या तुझ जैसा है रब्ब

काफिर भी हो जाऊं पर कुफ्र भी ना हो पाये

काफिर भी हो जाऊं

 पर कुफ्र भी ना हो पाये…..

Suneet Sood Grover

लेखिका :- Suneet Sood Grover

अमृतसर ( पंजाब )

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