राधा कान्हा के द्वार | Radha Kanha ke Dwaar
राधा कान्हा के द्वार ( Radha kanha ke dwaar ) फिर से खड़ी हुई है राधा आ कान्हा के द्वार । माँग रही है उससे अपने , सारे ही अधिकार ।। वापस करे कन्हैय्या गोकुल से चोरी की खुशियाँ और चुकाए वृन्दावन का, पिछला सभी उधार ।। महका रचा बसा खुशबू सा फिर भी … Continue reading राधा कान्हा के द्वार | Radha Kanha ke Dwaar
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