रफ़ू न करना | Rafu na Karna

रफ़ू न करना ( Rafu na karna )    मेरी क़ुर्बतों के ग़म में ,कभी दिल लहू न करना मैं जहाँ का हो चुका हूँ, मेरी आरज़ू न करना ये यक़ीन कर तू मेरा, मैं न भूल पाऊं तुझको कहीं दिल खराब कर के, मेरी जुस्तजू न करना कहीं जल न जाये तेरा, इसी आग … Continue reading रफ़ू न करना | Rafu na Karna