रमाकांत सोनी की कविताएं | Ramakant Soni Hindi Poetry

बड़े जोर की कविता आई आगे कुआं पीछे खाई सज-धज घर टुनटुन आई।भावों की बहती गंगा बड़ी जोर की कविता आई। डमडम डगभर चलती आंगन क्या धरा हिलती है।दो दिलों का संगम है सिन्धु से सरिता मिलती है। जब हंसे तो फुलझड़ियां घर में रौनक आती है।टीवी ट्यूबलाइट मिक्सी एक साथ चल जाती है। मेहमानों … Continue reading रमाकांत सोनी की कविताएं | Ramakant Soni Hindi Poetry