रमाकांत सोनी की कविताएं | Ramakant Soni Hindi Poetry
भावों की फुलझड़ियो में यूं ही बैठे-बैठे लिखता हृदय में उमड़ते भावों को। दिल का दर्द कागज पर लिखता मन के घावो को। मैं कविता की लड़ियों में गीतों की भावन कड़ियों में। भावों की फुलझड़ियो में रसधार बरसती घड़ियों में। शब्दों के सुमनहार लिए गुलजार सजाया करता हूं। काव्य रस से सराबोर मैं फनकार … Continue reading रमाकांत सोनी की कविताएं | Ramakant Soni Hindi Poetry
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