रामकेश एम. यादव की कविताएं | Ramkesh M. Yadav Hindi Poetry
चाँद का दीदार! बाँहों में बीते उनके सारी उमर येखंजन की जैसी नहीं हटती नजर ये।जिधर देखती हूँ बहार ही बहार हैपति मेरे जीवन का देखो आधार है। सोलह श्रृंगार करती नित्य उनके लिए मैंआज करवा की व्रत हूँ ये उनके लिए मैं।वो मेरे चाँद हैं औ मैं उनकी चाँदनीवो मेरे राग हैं और मैं … Continue reading रामकेश एम. यादव की कविताएं | Ramkesh M. Yadav Hindi Poetry
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