तुम्हें गिनके मिली हैं ये साँसें (भजन )

संसार को समझो जगवालों,
संसार में अपना कोई नहीं।
जब दुःख का बादल मँडराए,
उस प्रभु के आगे कोई नहीं।

तकलीफ किसी को मत देना,
खुद उसका दुःख तुम हर लेना।
सुखकर्ता वही, दुःखहर्ता वही,
बस उसके आगे कोई नहीं।
संसार को समझो जगवालों,
संसार में अपना कोई नहीं।
जब दुःख का बादल मँडराए,
उस प्रभु के आगे कोई नहीं।

दुष्कृत न होने पाए कभी,
पर कर जाते अपराध सभी।
तुम सौंप दो अपनी नइया को,
उस पतवार के आगे कोई नहीं।
संसार को समझो जगवालों,
संसार में अपना कोई नहीं।
जब दुःख का बादल मँडराए,
उस प्रभु के आगे कोई नहीं।

ये धरती पाप से दबे नहीं,
सत्कर्म से कोई थके नहीं।
अतिशय सुन्दर कितनी चीजें,
उस प्रभु से सुन्दर कोई नहीं।
संसार को समझो जगवालों,
संसार में अपना कोई नहीं।
जब दुःख का बादल मँडराए,
उस प्रभु के आगे कोई नहीं।

दुर्व्यसन की आदत मत डालो,
लालच का रोग भी मत पालो।
अनंत छिपा जो कण -कण में,
उस अनंत के आगे कोई नहीं।
संसार को समझो जगवालों,
संसार में अपना कोई नहीं।
जब दुःख का बादल मँडराए,
उस प्रभु के आगे कोई नहीं।

तुम्हें गिनके मिली हैं ये साँसें,
इसे स्वर्ग बना, न बिछा लाशें।
मत बन तू विश्व-विजेता रे!
उस शाश्वत के आगे कोई नहीं।
संसार को समझो जगवालों,
संसार में अपना कोई नहीं।
जब दुःख का बादल मँडराए,
उस प्रभु के आगे कोई नहीं।

Ramakesh

रामकेश एम.यादव (रायल्टी प्राप्त कवि व लेखक),

मुंबई

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