रत-जगे ( Rat-Jage ) ख़ल्वत में रत-जगे,कभी जलवत में रत-जगे।बरसों किए हैं हमने मुह़ब्बत में रत-जगे। करते हैं जो ख़ुदा की इ़बादत में रत-जगे।आएंगे काम उनके क़यामत में रत-जगे। समझेगा कैसे हाय वो लुत्फ़-ए-ग़म-ए-ह़यात।जिसने किए हैं सिर्फ़ मुसर्रत में रत-जगे। क़ुरबत में चैन देते हैं यह बात सच है,पर।तकलीफ़ दिल को देते हैं फ़ुरक़त में … Continue reading रत-जगे | Rat-Jage
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