रेशम धागा पहन कर पांच बहनो का भईया सजता धजता आज, रेशमी धागा पहन कर ,करता कितना नाज। बचपन की खुशबू भरी,बिखराए सरस धार, पावन सावन पूर्णिमा,नित रक्षा हो हर काज।।1। रिश्तों का बंधन पावन,छलकाता उर प्यार, कच्चे धागे में दिखता, खुशियॉ अपरम्पार। चावल रोली थाली रख, बहना है तैयार, भईया गेह खुशहाल हो,लगे उमर … Continue reading रेशम धागा पहन कर
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