रुत मौत की | Rut Maut ki

रुत मौत की! ( Rut maut ki )   रुत मौत की सजी है, आके मुझे बचा लो, वीरान हो चुके हैं, मेरे शहर को सजा दो। करने लगे हैं पत्थर आईनों की हिफाजत, चुभने लगी है उनको दिनरात की बगावत। हुआ दिल मेरा ये पत्थर, दरिया कोई बना दो, रुत मौत की सजी है, … Continue reading रुत मौत की | Rut Maut ki