साथ | Saath

साथ ( Saath )    मिलनेवाले तो मिल हि लेते हैं न मिलने वाले तो साथ रहकर भी मिल नही पाते खेल है सारा भावनाओं का बिन चाहत के हम जुड़ नही पाते साथ साथ चलना जरूरी नही होता दूर रहकर भी करीब रह लेते हैं लोग तन और धन का आखिर बजूद हि क्या … Continue reading साथ | Saath