सबक | Sabak

सबक ( Sabak )  आज तकलीफ़ महसूस की कल भूल जाया करते हैं, अच्छे बुरे वक़्त का सबक हम याद ही कहाँ रखते हैं, चंद शहद में लिपटे ज़हर आलूदा जुमले में खो जाते, झूठे ख़्वाब सजाते, हक़ीक़त से कहाँ वास्ता रखते हैं, पल दो पल का साथ भी पूरी ज़िंदगी लगने लगती है, कभी … Continue reading सबक | Sabak