सबसे जुदा अपनी अदा | Sabse juda apni ada | Kavita

सबसे जुदा अपनी अदा ( Sabse juda apni ada )   सबसे जुदा अपनी अदा लगे मनभावन सी। इठलाती बलखाती और बरसते सावन सी।   हंसता मुस्कुराता चेहरा अंदाज निराला है। खुशियों में झूमता सदा बंदा मतवाला है।   मदमस्त चलता चाल मनभावन से नजारे हैं। सारी दुनिया से हटकर नखरे उसके न्यारे हैं।   … Continue reading सबसे जुदा अपनी अदा | Sabse juda apni ada | Kavita