काफिले में भी सफर तन्हा | Safar Tanha
काफिले में भी सफर तन्हा ( Kafile mein bhi safar tanha ) रोज सजती है महफिले जहां, रोज कारवां चलता है। रोज कलम करतब दिखाती, शब्दों का मेला लगता है। काफिले में भी हो सफर तन्हा, कलमकार रह जाता है। एक आह दिल से निकले, गजरा गीतों का हो जाता है। काफिले में भी … Continue reading काफिले में भी सफर तन्हा | Safar Tanha
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