समझदारी | Samajhdari

समझदारी ( Samajhdari )   यह संभव ही नहीं कि लोग मिले आपसे पहले की तरह ही उनका काम निकल जाने के बाद भी रहे नहीं संबंध अब पहले जैसे आपकी अपेक्षाएं और विश्वास ही कष्ट अधिक देते हैं उम्मीदों का दौर अब खत्म हुआ अपने पैरों को मजबूत आप ही बनाए रखें भरोसा दिलाते … Continue reading समझदारी | Samajhdari