समेट लूं ( Samet lun ) ⛅ मैं प्यार का उसके रिश्ता समेट लूं वो उम्रभर दिल में चेहरा समेट लूं ⛅ ख़ुशबू बनके सदा मुझमे महके वही की अंश साँसों में उसका समेट लूं ⛅ जो साथ में गुजरे पल है उसके कभी दिल में अपने मैं वो लम्हा समेट लूं ⛅ जो … Continue reading समेट लूं | Samet lun ghazal
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed