समोसा | Samosa par Bhojpuri Kavita

समोसा ( Samosa )    आज खड़ा रहनी हम बजार में भिंड भरल रहे अउर सबे रहे अपना काम में दुकानदार चि‌‌ललात रहे हर चिज़ के दाम के तले एगो ल‌इका ले उडल कवनो समान के चोर चोर कह सभे चिल्ला उठल का चोर‌इले रहे ना केहु के पता चलल उ ल‌इका आवाज सुन डेरा … Continue reading समोसा | Samosa par Bhojpuri Kavita