संगीत बिना गीत सुना | Sangeet par Kavita
संगीत बिना गीत सुना ( Sangeet bina geet suna ) संगीत बिना हर गीत यह सूना, ढोलक और बांसुरी यह वीणा। चेहरे पर आ जाती है खुशियां, बजती है जब प्यारी यह वीणा।। माता शारदे का रहता आशीष, कण्ठ में विराजे बनकर संगीत। होंठों पर लाती मिट्ठी मुस्कान, गीतों के साथ जब बजे संगीत।। … Continue reading संगीत बिना गीत सुना | Sangeet par Kavita
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