संकल्प ( Sankalp ) आज फिर पराजित हुआ हूं फिर से अपनी काबिलियत को पहचान नहीं पाया आज खुद की ही नजरों में गिरा हूं बन गया हूं अपना ही खलनायक आज फिर पराजित हुआ हूं सोचा था, मंजिल का सामना करेंगे, किंतु ,हिम्मत ही जवाब दे गई अफसोस हुआ है मुझे अपने आप … Continue reading संकल्प | Sankalp Poem
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