संत्रास | Gitika chhand

संत्रास ( Santras )   ईर्ष्या, पीड़ा, शत्रुता, अति, अभाव का त्रास ! हीन भावना , विवशता , से निर्मित संत्रास !!   मन में पाया बिखरता, जब इनका अंधियार चाहा कारण खोज ले, क्यों है यह प्रतिभास !!   मन ने सुन ली सहज ही , मन की सारी पीर समझ लिया था जान … Continue reading संत्रास | Gitika chhand