वो सपनों में आकर सताने लगे हैं

वो सपनों में आकर सताने लगे हैं वो सपनों में आकर सताने लगे हैंमेरी धड़कनों को बढ़ाने लगे हैं बनाया था तिनकों से जो आशियानाअदू आके उसको जलाने लगे हैं क़यामत कहीं आ न जाए यहाँ परसितमगर को हम याद आने लगे हैं ज़माने ने ठोकर लगाई है उनकोतभी होश उनके ठिकाने लगे हैं कहीं … Continue reading वो सपनों में आकर सताने लगे हैं